ज्योतिष
'ज्योतिषानयनं चक्षुः' भारतीय जीवन शैली में सभी कार्य, ग्रहों और नक्षत्रों की गति / स्थिति एवं ऋतुओं के अनुसार होता है। ग्रहों और नक्षत्रों की गति का ज्ञान ज्योतिष से ही होता है। 'वेदा हि यज्ञार्थमभिप्रवृत्ताः कालाग्निपूर्वाः विहिताश्च यज्ञाः। तस्मादिदं कालविधान शास्त्र यो ज्योतिषं वेद से वेद यज्ञम् ।।' हमारे सभी दैनिक कृत्य ज्योतिष पर ही निर्भर होते है।
ग्रहों की दशा ही हमारे जीवन की दिशा तय करती है। सही दशा ही हमें उचित दिशा में आगे ले जाती है। इसलिए इन्हें सही दशा व स्थिति में रखने के लिएया जानने के लिए ही हमरे वेबसाइट अथवा गुरुकुल में पधारकर दिखा सकते हैं ---